Sugarcane Farming:गन्ने के पोक्का बोइंग रोग को कैसे खत्म करें, जानिए यहां

गन्ने के पोक्का बोइंग रोग को कैसे खत्म करें, जानिए यहां 

Sugarcane Farming गन्ने में पोका बोइंग की रोकथाम कैसे करें पोका बोइंग गन्ने की फसल में होने वाला एक कवक रोग है। इस रोग का प्रकोप आमतौर पर बरसात के महीने में या जून से अगस्त तक देखा जाता है। इससे किसान इसकी बेहतर पहचान नहीं कर पाते हैं. पोका बोइंग फुसैरियम कवक द्वारा फैलता है। यह बीमारी टॉप बोरर से भी ज्यादा खतरनाक है.

जिले में बुआई की फसल पर टॉप बोरर के साथ अब पोका बोइंग रोग खोदाई का काम चल रहा है। इसकी किट हवा के साथ काम करती है। अचानक यह बीमारी जिले में सक्रिय होने से कृषकों को बहुत चिंता होने लगी है, बहुत सारी दुकानें बंद हो जाने के बाद भी यह बीमारी कहीं भी नहीं हो रही है। जबकि कृषि विभाग के अधिकारी को विशेष रूप से नामांकित भूमिका में शामिल किया गया है। क्वार्टर का मानना ​​है कि जल्द ही इन वर्कशॉप पर कंट्रोल नहीं मिला तो इस बार क्वार्टर का फ़ाउल चौपट हो सकता है।

पोका बोइंग से फसल को नुकसान 

बारिश के दिनों में पोका बोइंग रोग हवा के साथ बहुत तेजी से बढ़ता है। यही कारण है कि आजकल यह रोग पदार्थ क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। 30 डिग्री तक तापमान पर यह रोग तेजी से सक्रिय होता है।

Sugarcane Farming:गन्ने के पोक्का बोइंग रोग को कैसे खत्म करें, जानिए यहां
                     Sugarcane Farming:गन्ने के पोक्का बोइंग रोग को कैसे खत्म करें, जानिए यहां

 

रोक के शुरुआती दौर में ऊपर की ओर से चने के जुलाब की ओर से पहली और सफेद दिखती है और कुछ दिनों के बाद लाल भूरी सूख जाती है और निजीकरण में संक्रमण के कारण बिंदु जैसे काफी संख्या में बन जाता है पोका बोइंग का रोग अधिक प्रकोप होने का कारण अलग-अलग में उल्ट कर सुग्गने लगते हैं, फसल में प्रकाश शास्त्र की क्रिया प्रभावित हो जाती है और संचय के उपायों में वृद्धि रुक जाती है

पोका बोइंग को रोकने के उपाय 

इस रोग से जो गन्ने का पौधा संक्रमित है उस पौधे को काटकर दबा देना चाहिए क्योंकि उस पौधे को फेंकने से यह रोग अन्य फसल पर भी असर करेगा पोका बोइंग की रोकथाम के लिए कार्बोंडाजिम को 500 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर स्प्रे कर देना चाहिए या

हेक्साकोनाजोल की 250 मिलीलीटर मात्रा को 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर देना चाहिए तथा 500 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड और 500 ग्राम रोको दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें अधिक संक्रमण होने पर 15 दिन के बाद दोबारा छिड़काव कर दें 

पोक्का बोइंग का कारण क्या है?

गन्ने में यह फ्यूजेरियम मॉनिलीफॉर्म नामक फफूंद के कारण फैलता है

गन्ना जड़ छेदक को आप कैसे नियंत्रित करेंगे?

 रोपण के 3 दिन बाद मेड़ों के किनारे 10-15 सेमी की मोटाई तक कूड़े से मल्चिंग करें। 

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