गन्ने की फसल में नहीं लगेंगे खतरनाक रोग, करना होगा ये साधारण उपाय, इस तकनीक से किसानों को होगा फायदा
गन्ने की फसल में लगने वाले खतरनाक रोगों से निपटने की सही जानकारी न होने की वजह से किसानों की गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। और किसानों को इससे भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
Sugarcane Farming News:- गन्ने की फसल में मानसून के आते ही गणना किसने की चिंताएं और मुश्किलें बढ़ जाती हैं। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये यह खड़ी हो जाती है। की गन्ने के पौधों को भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और कीटों से किस प्रकार से बचाया जाए।
अधिकतर किसान इन गन्ने की फसल में लगने वाले रोग एवं बीमारियों को पहचानने में असफल होते हैं। पूर्ण रूप से बीमारी की जानकारी न होने के कारण पौधों में रोगों से निपटने की सही जानकारी न होने के कारण गन्ने की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। और यह होने के कारण गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। आएं हम अपने इस लेख के माध्यम से गन्ने के पौधों में कौन से कट पहनते हैं और उनसे अपने फसल को बचाने के लिए कौन-कौन से मारक उपाय क्या है
गन्ने में लगने वाला लाल सड़न रोग
गन्ने की फसल में लगने वाला लाल सड़न रोग एक फफूंद रोग है। इस रोग में पत्तियां किनारे से सुखना शुरू होकर पूरे शीर्ष तक सूख जाती हैं। यह लक्षण गन्ने की फसल में अगस्त के महीने में दिखाई देने शुरू हो जाती है। इस रोग से ग्रस्त गन्ने को चिड़कर देखने पर बीच वाला भाग पूरा लाल दिखाई देता है। और इसमें सफेद रंग के धब्बे नजर आते हैं साथ ही गन्ने से अल्कोहल की गंध एच आई है । इस रोग से ग्रस्त पौधे सही तरह से ग्रोथ एवं लंबाई नहीं कर पाते हैं यह रोग गन्ने की फसल को बेहद ज्यादा नुकसान किसानों को देता है।
गन्ना रोग नष्ट करने के उपाय
गन्ने के खेतों का नियमित रूप से किसानों को निरीक्षण करने की आवश्यकता होती है। रोग से ग्रस्त गन्ने के पौधों को खोदकर नष्ट कर देना चाहिए। क्योंकि यह बीज जनित रोग है इसीलिए गन्ने के रोपण से पहले मिट्टी में कुछ कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। गन्ना बुवाई करते समय नैटिवो 75 डब्ल्यू डीजी या कैबीयो 60 डब्ल्यू डीजी 500 पीपीएम स्प्रे का छिड़काव करना बेहद ही जरूरी होता है।
गन्ने की लंबाई बढ़ाने की दवा