Cane Up | में गन्ना मूल्य क्या रहेगा? | Cane up.in 2023-24
यूपी गन्ना मूल्य 2023-24 में क्या रहेगा। इसकी पुष्टि आपको नहीं है तो हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बता दे की देश के 5 करोड़ गाना किसने के संबंध में गाने की लागत एवं एफआरपी के दामों में केंद्र सरकार ने 10 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की है।
यूपी में गाने की कीमत 350 रुपए प्रति कुंतल से बढ़कर 360 रुपए प्रति कुंतल एफआरपी रेट ( FRP ) Rate के हिसाब से पेराई सत्र 2023 24 में गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा।
यदि आप गन्ना किसान हैं और आप सरकार के फैसलों से सहमत हैं या नहीं तो हमें नीचे दिए गए कमेंट के जरिए बता सकते हैं कि गन्ना किसानों को गाने का उचित मूल्य क्या मिलना चाहिए।
सबसे बड़ी वृद्धि 2007 में बसपा सरकार के कार्यकाल में गन्ने के दामों में बढ़ोतरी की गई थी जो की 115 रुपए प्रति कुंतल थी।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी 2017 में अपने गाने की कीमतों में10 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि की थी। किसान योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य में वृद्धि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सपा सरकार में भी गन्ने के 65 रुपए प्रति कुंतल का गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया था।
5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, केंद्र सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने का किया ऐलान
पिछले वर्ष 2022-23 गन्ने का सबसे कम भुगतान
यह भी पढ़ें प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार गन्ना किसानों को पिछले वर्ष दिए जाने वाले दामों में 10 रुपए की बढ़ोतरी के साथ गन्ना सीजन 2023-24 में दिए जाएंगे। गन्ने के दमोह में हुई 10 रुपए की बढ़ोतरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यूपी के गन्ना किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया एफआरपी 10 रुपए को किसानों के लिए तोहफा बताया साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट बैठक में लिया गये इस फैसले को अप का किसान स्वीकार करता है। साथ ही गन्ना किसानों को पिछले वर्ष दिए जाने वाले गन्ने के मूल्य में इस वर्ष 2023-24 मैं जोड़कर दिया जाएगा।
किसान संघो ने यह व्यवहार किया है कि गन्ने के दाम काफी नहीं है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में गाने के दामों में 10 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी।
जिसे विपक्षी नेताओं और किसान संघों ने यूपी में गाने की खरीद की लागत में 10 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि की निंदा की है और साथ ही दावा किया है। गन्ने की खेती की कीमत समय के साथ बढ़ रही है। लेकिन सरकार गन्ने की फसल के उचित दाम तय नहीं कर पा रही है। महंगाई के समय में फसलों में लगने वाली कीटनाशक दवाइयां महंगाई को लेकर चरम पर है। जिसके कारण किसानों को फसल में लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों कि मांग है कि गन्ना का400 रुपए प्रति कुंतल कि दर से किया जाना चाहिए।
Q. क्या आप आप सरकार द्वारा दिए गए इस फैसले से खुश हैं। अपनी राय कमेंट करें।
Ans. ————————-
गन्ना फसल में घास के लिए कौन सी दवा का प्रयोग कर सकते हैं। किसान